Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मोकामा की सियासत में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। दुलारचंद यादव हत्याकांड ने पूरे सूबे की राजनीति को हिला दिया है। अब इस मामले में केंद्र तक हलचल मच गई है। भारत के गृहमंत्री अमित शाह के सख्त बयान के बाद बिहार पुलिस ने जदयू प्रत्याशी और बाहुबली नेता अनंत सिंह को देर रात उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई ने न केवल बिहार की सियासत बल्कि प्रशासनिक गलियारों में भी भूचाल ला दिया है।
Bihar Election 2025: गृहमंत्री अमित शाह की चेतावनी के बाद त्वरित कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, अमित शाह ने एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान कहा था कि “लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।” शाह के इस बयान के कुछ ही घंटों बाद पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में 150 पुलिसकर्मियों की टीम ने अनंत सिंह के बाढ़ थाना क्षेत्र स्थित बेढ़ना वाले घर को चारों ओर से घेर लिया। रात करीब 12 बजे शुरू हुई इस कार्रवाई में पुलिस ने अनंत सिंह को हिरासत में लिया और सख़्त सुरक्षा घेरे में पटना ले आई।
गिरफ्तारी का हाई-वोल्टेज ड्रामा
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने इलाके की नाकेबंदी कर दी थी ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। अनंत सिंह को सफेद पैंट-शर्ट और काले चश्मे में बाहर लाया गया, जहां उनके समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने उन्हें तुरंत अपने काफिले में बिठाया और पटना रवाना हो गई। यह कार्रवाई उस समय हुई जब वे दिनभर चुनाव प्रचार में व्यस्त थे।
प्रशासन ने दिखाया सख्त रुख
अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम. और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा “कानून से ऊपर कोई नहीं है। मोकामा की घटना बेहद गंभीर है। निष्पक्ष जांच के लिए जो भी कदम आवश्यक होंगे, उठाए जाएंगे।” प्रशासन ने सभी वैध हथियारों की पहचान कर उन्हें जमा कराने का आदेश जारी किया है। ड्रोन सर्विलांस और 24 घंटे की निगरानी व्यवस्था मोकामा और बाढ़ क्षेत्र में लागू की गई है ताकि कोई भी अराजक तत्व माहौल न बिगाड़ सके।
कई अफसरों पर गिरी गाज
इस हत्याकांड के बाद चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय ने संयुक्त रूप से सख्त कदम उठाए हैं। मोकामा और बाढ़ क्षेत्र में तैनात कई अधिकारियों को तुरंत हटा दिया गया। एसडीएम चंदन कुमार, एसडीपीओ राकेश कुमार, थानाध्यक्ष अभिषेक सिंह, और ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग को पद से हटा दिया गया है। इनकी जगह आईएएस आशीष कुमार और डीएसपी आनंद कुमार सिंह जैसे युवा अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
तेजस्वी यादव का तीखा बयान
इस पूरे घटनाक्रम पर तेजस्वी यादव ने सत्तारूढ़ एनडीए पर हमला बोलते हुए कहा “क्या चुनाव आयोग मर चुका है? एनडीए प्रत्याशी खुलेआम हत्याएं कर रहे हैं और कानून सिर्फ विपक्ष के लिए बचा है?” तेजस्वी का यह बयान विपक्ष के हमले को और तेज कर गया है।
विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अमित शाह का बयान इस कार्रवाई का ट्रिगर साबित हुआ। केंद्र नहीं चाहता कि बिहार चुनाव पर हिंसा का साया पड़े। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद मोकामा का राजनीतिक समीकरण किस दिशा में जाता है।
क्या बिहार की सियासत फिर ‘बुलेट बनाम बैलेट’ की ओर?
बिहार की राजनीति में मोकामा हमेशा से एक संवेदनशील इलाका रहा है। दुलारचंद यादव की हत्या और उसके बाद की घटनाओं ने यह सवाल फिर से खड़ा कर दिया है क्या बिहार की राजनीति एक बार फिर “बुलेट नहीं, बैलेट” की परीक्षा देने जा रही है? जनता अब बदलाव चाहती है, और यह बदलाव लोकतंत्र की ताकत से ही संभव है।








