Bihar Flood: इस वक्त देखा जाए तो बिहार में लोग बाढ़ से बेहाल है, जहां बिहार के अधिकांश जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बाढ़ के कारण आवागमन पूरी तरह से बाधित हो चुका है और हेलीकॉप्टर के जरिए अब लोगों को सुखे राशन के पैकेट दिए जा रहे हैं. लोगों ने अब अपना घर बार छोड़ कर सुरक्षित स्थानों की तरफ प्रस्थान करना शुरू कर दिया है. वहीं दूसरी ओर प्रशासन लगातार बचाव और राहत कार्य में लगा हुआ है.
आपको बता दे कि केंद्र सरकार ने बिहार (Bihar Flood) सरकार को राहत और बचाव के लिए 655 करोड रुपए की राशि जारी की है. कई जगह पर तो स्थिति ऐसी है कि लोग नदी का गंदा पानी पीने को मजबूर है. लोगों के घर डूब चुके हैं और उनके ऊपर अब छत नहीं है.
हर साल लोग झेलते हैं त्रासदी
हर साल बिहार (Bihar Flood) के लोग इसी तरह बाढ़ जैसी त्रासदी को खेलते हैं. नेपाल में हुई भारी बारिश का अब बिहार की नदियों पर काफी ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है कि 50 साल बाद कोसी नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाया है, जिसकी वजह से बिहार के पूर्वी चंपारण में इस वक्त जल प्रलय जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है.
इस वक्त बिहार के सैकड़ो से भी ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और कितनी जगह पर तो भूस्खलन से लोगों की जान भी चली गई है. बिहार (Bihar Flood) की कोसी नदी और गंडक नदी में नेपाल से पानी आ रहा है. पहले ही नेपाल भारी बाढ़ के कारण मुसीबत से घिरा है जहां 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और अब बिहार में भी हालात गंभीर है.
इन इलाकों में गंभीर है स्थिति
बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगाए गए शिविर तटबंध का निरीक्षण और स्थिति का जायजा अधिकारियों द्वारा जगह-जगह पर घूम कर लिया जा रहा है. वही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 16-16 टीमें राहत बचाव कार्य में लगी हुई है. अभी तक लगभग ढाई लाख लोगों को सुरक्षित जगह पर भेजा जा चुका है. इस वक्त देखा जाए तो पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, मधुबनी, भागलपुर समेत गंगा के किनारे बसे बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय और मुंगेर में हालत काफी ज्यादा गंभीर है.