Bihar Politics: बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़े खुलासे किए। उन्होंने न सिर्फ NDA सरकार पर गंभीर आरोप लगाए, बल्कि अपनी संपत्ति दान करके नई राजनीतिक शुरुआत करने का ऐलान भी किया। PK ने दावा किया कि बिहार में प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से 10-10 हजार रुपए बांटकर वोट खरीदे गए हैं। उनका कहना है कि अगर आने वाले छह महीनों में महिलाओं के खातों में 2-2 लाख रुपए नहीं भेजे गए, तो वे एक-एक मंत्री और अफसर का घेराव करेंगे।
Bihar Politics: PK ने जनसुराज को दान कर दी अपनी संपत्ति
प्रशांत किशोर ने अपने जनसुराज अभियान को मजबूत करने के लिए जनता से आर्थिक सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि वे हर व्यक्ति से साल में 1000 रुपए की मदद चाहते हैं, और जो लोग इस अभियान का हिस्सा नहीं बनेंगे, उनसे वे मुलाकात भी नहीं करेंगे। PK ने बताया कि वे पिछले 20 साल की कमाई में से दिल्ली वाले घर को छोड़कर बाकी सारी संपत्ति जनसुराज को दान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगले पाँच वर्षों में जितनी कमाई होगी, उसका 90% हिस्सा भी इस अभियान में ही लगाया जाएगा।
15 जनवरी से नई जनसुराज यात्रा की शुरुआत
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान PK ने यह भी घोषणा की कि वे 15 जनवरी से ‘बिहार नवनिर्माण संकल्प अभियान’ की शुरुआत कर रहे हैं। इस अभियान के तहत वे बिहार के सभी 1 लाख 18 हजार वार्ड और 550 प्रखंडों में जाकर लोगों से संवाद करेंगे और सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा कराने के लिए जन आंदोलन तैयार करेंगे। उनका कहना है कि यह यात्रा डेढ़ साल तक चलेगी और जिन लोगों ने 10 हजार रुपए लिया है, उन्हें 2 लाख रुपए दिलवाना उनका लक्ष्य है।
नीतीश कैबिनेट पर सीधा हमला
नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मंत्रिमंडल में आपराधिक छवि वाले और कम पढ़े-लिखे लोगों को मंत्री बनाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ वंशवाद और राजनीतिक सुविधा देखकर मंत्रियों का चयन किया गया है, जो बिहार की जनता के घाव पर नमक छिड़कने जैसा है। PK का कहना है कि नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को यह संदेश दिया है कि “हमने वोट खरीद लिया है, अब हम अपनी मर्जी चलाएंगे।”
गांधी आश्रम में 24 घंटे का मौन-व्रत
चुनाव परिणाम आने के बाद प्रशांत किशोर ने पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम में 24 घंटे का मौन-व्रत रखा। जन सुराज की ओर से बताया गया कि यह विरोध नहीं, बल्कि हार की जिम्मेदारी स्वीकार करने, खुद का आत्ममंथन करने और जनता के संदेश को भीतर से समझने की कोशिश थी। PK पूरी रात वहीं धरना स्थल पर बैठे और जमीन पर ही सोते हुए दिखे, जिसे उनके समर्थकों ने एक भावनात्मक संदेश के रूप में देखा।
243 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली जनसुराज का इस चुनाव में प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा और पार्टी का खाता तक नहीं खुला। लगभग 98% उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। नतीजे आने के बाद PK ने जनता से खुलकर माफी मांगी और खुद को ही हार के लिए जिम्मेदार ठहराया। अब वे नई रणनीति, नए अभियान और सार्वजनिक आर्थिक भागीदारी के साथ जनसुराज को जमीन पर मजबूत करने की तैयारी में जुट गए हैं।








