Deepak Prakash: उपेंद्र कुशवाहा ने आलोचनाओं पर तोड़ी चुप्पी, कहा— “ज़हर मैंने पी लिया, तकलीफ़ उन्हें है कि मैं फिर से जी गया”

On: Saturday, November 22, 2025 6:00 AM
Deepak Prakash

Deepak Prakash: राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी के हालिया फैसले को लेकर उठ रहे सवालों, विवादों और ‘परिवारवाद’ के आरोपों पर X (ट्विटर) के माध्यम से विस्तृत प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ कहा कि पार्टी को बचाने और उसके भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए जो निर्णय लिया गया, वह मजबूरी भी था और आवश्यकता भी।

Deepak Prakash: “स्वस्थ आलोचनाओं का सम्मान करता हूँ”

कुशवाहा ने अपने संदेश की शुरुआत आलोचकों और समर्थकों दोनों को धन्यवाद देकर की। उन्होंने कहा कि उन्हें फैसले के बाद कई उत्साहवर्धक प्रतिक्रियाएँ मिलीं, तो कई तीखी आलोचनाएँ भी। उनके शब्दों में: स्वस्थ आलोचनाएँ हमें संभालती हैं, सिखाती हैं… मैं उनका दिल से सम्मान करता हूँ।”

परिवारवाद के आरोप पर कुशवाहा की सफाई

कुछ लोगों द्वारा उनके निर्णय को ‘परिवारवाद’ करार दिए जाने पर कुशवाहा ने साफ कहा कि उनकी विवशता को समझे बिना आलोचना करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि RLJD को बिखरने से बचाने के लिए यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पहले एक विलय का “राजनीतिक रूप से आत्मघाती” कदम उठाना पड़ा था, जिसके बाद पार्टी फिर शून्य पर लौट आई थी।

कुशवाहा ने लिखा: “लोग जीते और निकल लिए… झोली खाली की खाली रही… पार्टी फिर शून्य पर आ गई। अब वैसी स्थिति दोबारा न आए, इसलिए यह निर्णय लिया।”

“यह फैसला ज़हर पीने जैसा था” — कुशवाहा

उन्होंने आगे लिखा कि यह निर्णय लेना उनके लिए भी बेहद कठिन था। कुशवाहा ने अपनी पोस्ट में एक शेर भी साझा किया: “सवाल ज़हर का नहीं था, वो तो मैं पी गया, तकलीफ़ उन्हें बस इस बात से है कि मैं फिर से जी गया।” उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी को सुरक्षित रखने की रणनीति का हिस्सा है, और भविष्य में जनता कितना समर्थन देगी, यह समय बताएगा। लेकिन “शून्य पर लौटने” की स्थिति फिर नहीं झेलनी चाही।

कुशवाहा ने बिना नाम लिए कुछ लोगों पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होने का आरोप लगाया और कहा कि इस तरह की दूषित आलोचनाएँ केवल आलोचकों की मानसिकता को दर्शाती हैं, न कि पार्टी के निर्णय को।

दीपक प्रकाश का बचाव

अपने पोस्ट में उपेंद्र कुशवाहा ने दीपक प्रकाश का जोरदार बचाव किया। उन्होंने कहा कि दीपक नाकाम छात्र नहीं, बल्कि मेहनत से पढ़कर कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की डिग्री रखने वाले युवा हैं। उन्होंने लिखा: “किसी व्यक्ति की पात्रता उसकी जाति या परिवार से नहीं, बल्कि उसकी योग्यता से तय होती है।” कुशवाहा को भरोसा है कि आने वाले समय में दीपक अपनी क्षमता सिद्ध करेंगे।

उपेंद्र कुशवाहा का यह संदेश न सिर्फ आलोचकों के लिए करारा जवाब है, बल्कि यह भी बताता है कि RLJD अपने भविष्य को लेकर बड़े फैसलों से पीछे हटने वाली नहीं है। उनके बयान ने राजनीतिक हलकों और सोशल मीडिया में नई बहस छेड़ दी है।

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1 thought on “Deepak Prakash: उपेंद्र कुशवाहा ने आलोचनाओं पर तोड़ी चुप्पी, कहा— “ज़हर मैंने पी लिया, तकलीफ़ उन्हें है कि मैं फिर से जी गया””

  1. बिल्कुल गलत किया है उपेंद्र कुशवाहा ने क्या इसी प्रकार से एक साधारण घर के युवा को मौका दे सकता है जिसका किसी भी राजनीतिक या अमीर घर कोई संबंध नहीं हो..
    ये सफाई कुछ भी दे परंतु सच्चाई यही है कि सोना का चम्मच ले कर पैदा हुआ है इसीलिए ये अपना बेटा को मंत्री बनाया है जीते हुए विधायकों का हक मारी किया है और गलत संदेश दिया है…

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