Mahagathbandhan Dharna: बिहार में इस वक्त देखा जाए तो अपराध अपने चरम पर है जहां दिनदहाड़े किसी को भी गोली मार कर उसकी हत्या कर दी जा रही है. अब यहां पर लोगों को कानून का एकदम खौफ नजर नहीं आ रहा है. बीते दिनों देखा जाए तो बिहार में जिस तरह से हत्या की खबर सामने आ रही है, उसने लोगों को बिल्कुल खौफ में डाल दिया है. इसी को मुद्दा बनाकर अब बिहार में भी विपक्षी दलों ने आज जिला मुख्यालय में प्रतिरोध (Mahagathbandhan Dharna) मार्च निकाला है जिसमें महागठबंधन के कई नामी नेता भी सड़क पर उतरे हैं. भारी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की गई है.
देखा जा रहा है की इनकम टैक्स गोलंबर के पास प्रदर्शनकारी को रोकने की कोशिश की गई लेकिन बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए प्रदर्शनकारी आगे बढ़ गए. आपको बता दें कि बिहार में लगातार कानून व्यवस्था की कमजोर होने को लेकर राज्य सरकार की सफलता को मुद्दा बनाकर इंडिया गठबंधन की तरफ से यह मोर्चा (Mahagathbandhan Dharna) निकाला गया है, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे.
आमने-सामने हुए पुलिस और प्रदर्शनकारी
पटना में इस मार्च (Mahagathbandhan Dharna) को राजद के जिला कार्यालय विधायक फ्लैट वीर चंद्र पटेल पथ से मार्च शुरू करते हुए कार्यकर्ता आगे बढ़े लेकिन जैसे ही इनकम टैक्स चौराहे पर पहुंचे, पुलिसकर्मियों ने इन्हें आगे बढ़ने से रोका जिसके बाद प्रदर्शन और भी ज्यादा उग्र हो गया और पुलिस के द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए प्रदर्शनकारी डाक बंगला चौराहा के लिए निकल गए. इस प्रदर्शन में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, वीआईपी और कई दलों के भी कार्य कर्ता इसमें शामिल हुए.
पटना में कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने मार्च (Mahagathbandhan Dharna) करने के दौरान कहा कि विपक्ष की बड़ी भूमिका होती है. हमें इस मार्च से रोका गया और डाक बंगला चौराहा तक भी जाने नहीं देना यह गलत है. अपराध पर हर हाल में नियंत्रण हो.
मुकेश सहनी के लिए सुरक्षा की हुई मांग
हाल ही में विआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के पिताजी की हत्या कर दी गई थी जिसकी जांच चल रही है. अभी तक चार लोगों की इस मामले में गिरफ्तारी की जा चुकी है. इसी मुद्दे को उठाते हुए पार्टी के कार्यकर्ता ने मुकेश सहनी को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने की मांग की है.
आपको बता दे कि बिहार में इस वक्त जिस तरह अपराध बढ़ता जा रहा है, उसे लेकर आम जनता भी काफी साहनी हुई है और अब बिहार सरकार (Mahagathbandhan Dharna) कटघरे में खड़े हो चुकी है, क्योंकि अगर बड़े से बड़े नेता का परिवार सुरक्षित नहीं है तो फिर आम जनता का क्या कहा जा सकता है. यही वजह है कि लोगों के अंदर डर समाया हुआ है.