Maner News: बिहार की राजधानी पटना में अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में एक छात्रा की मौत का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब पटना से सटे मनेर थाना क्षेत्र में एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। इस बार 12 साल की एक मासूम बच्ची की संदिग्ध मौत ने पूरे इलाके को दहला दिया है।
घटना का पूरा विवरण
मनेर के एक गांव में उस समय सनसनी फैल गई जब 12 वर्षीय बच्ची का शव गांव के बगीचे में पेड़ से लटका मिला। जैसे ही यह खबर फैली, पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई और लोग घटनास्थल पर जुटने लगे। परिजनों का आरोप है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई।
परिवार के मुताबिक, मासूम दोपहर में जलावन के लिए लकड़ी लेने घर से निकली थी, लेकिन देर शाम तक वह घर नहीं लौटी। जब उसकी तलाश शुरू हुई, तो पास के बगीचे में उसका शव पेड़ से लटका हुआ मिला। मासूम की इस हालत को देखकर परिवार के लोग बेसुध हो गए और पूरे गांव में मातम छा गया।
ग्रामीणों में आक्रोश
घटना के बाद इलाके में जबरदस्त आक्रोश फैल गया। गुस्साए ग्रामीणों ने मनेर-दानापुर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया और सड़क पर आगजनी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि पुलिस ने मामले में लापरवाही बरती है और समय रहते शिकायत दर्ज नहीं की।
पीड़ित परिजनों का कहना है कि जब वे शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे, तो पुलिस ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया और उन्हें थाने से भगा दिया गया। इसी लापरवाही की वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद हुए और मासूम की जान चली गई।

पुलिस और FSL टीम की जांच
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम और डॉग स्क्वायड मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। पुलिस का कहना है कि फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीम भी हर एंगल से जांच कर रही है और दोषियों की पहचान कर जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
फिलहाल पुलिस मामले को दुष्कर्म के बाद हत्या मानकर जांच को आगे बढ़ा रही है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कई तथ्य साफ हो जाएंगे।
इलाके में दहशत और गुस्सा
इस वारदात के बाद पूरे मनेर क्षेत्र में दहशत का माहौल है। लोग पुलिस की नाकामी पर सवाल खड़े कर रहे हैं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर पुलिस ने कार्रवाई की होती, तो मासूम की जान बच सकती थी।

स्थानीय प्रशासन पर सवाल
स्थानीय लोगों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए हैं। लोगों का कहना है कि लगातार बढ़ रहे अपराध पर लगाम लगाने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है, जिससे अपराधियों के हौसले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं।
मनेर की यह घटना एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर रही है कि बिहार में मासूम बेटियां आखिर कब सुरक्षित होंगी? परिजनों का दर्द और ग्रामीणों का गुस्सा इस बात का सबूत है कि इलाके में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। अब देखना यह होगा कि पुलिस और प्रशासन कितनी तेजी से इस मामले को सुलझाते हैं और मासूम के गुनहगारों को कानून के कटघरे में लाते हैं।
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