Mokama News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच एक बार फिर से राजनीतिक हिंसा की बड़ी घटना सामने आई है। मोकामा (घोसवारी थाना क्षेत्र) में गुरुवार को जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के काफिले पर अज्ञात हमलावरों ने हमला कर दिया, जिसमें राजद नेता दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना पूरे इलाके में तनाव फैलाने वाली साबित हुई है, वहीं पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
Mokama News: जनसुराज प्रत्याशी के काफिले पर अचानक हमला
घटना की जानकारी के अनुसार, जनसुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार में निकले थे। उनका काफिला उस समय अनंत सिंह के काफिले के पीछे चल रहा था। इसी दौरान अनंत सिंह के समर्थक अपनी गाड़ियों से उतरकर लाठी-डंडे और हथियारों से हमला करने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमले के वक्त करीब 10 गाड़ियां प्रियदर्शी के काफिले में शामिल थीं।
राजद नेता दुलारचंद यादव की मौके पर गोली मारकर हत्या
हमले के दौरान जब राजद नेता दुलारचंद यादव ने हालात को संभालने की कोशिश की, तो हमलावरों ने उन पर गोली चला दी। उन्हें गंभीर हालत में तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह घटना पूरे इलाके में भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर चुकी है।
हमले के बाद काफिले में भगदड़ मच गई। कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए, और कुछ वाहनों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमला पूर्व नियोजित लग रहा था, क्योंकि हमलावर हथियारों से लैस थे और उन्होंने अचानक चारों ओर से हमला किया।
जनसुराज पार्टी ने दी प्रतिक्रिया
घटना के बाद जनसुराज पार्टी की ओर से बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि “दुलारचंद यादव पार्टी के आधिकारिक सदस्य नहीं थे, लेकिन वे पीयूष प्रियदर्शी के प्रचार अभियान में सक्रिय रूप से शामिल थे। उनकी हत्या लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला है। यह डर और हिंसा के जरिए चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश है।” पार्टी ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सरकार और चुनाव आयोग से न्यायिक जांच की मांग की है।
प्रशासन सतर्क, जांच के आदेश जारी
घटना की सूचना मिलते ही घोसवारी थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने पूरे क्षेत्र की नाकेबंदी कर दी है और हमलावरों की तलाश जारी है। साथ ही मोकामा और आसपास के इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं ताकि माहौल को नियंत्रित रखा जा सके। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का कोण सामने आ रहा है।
राजनीतिक हलचल तेज, विपक्ष ने उठाए सवाल
इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर चुनाव के दौरान ही इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी। वहीं, कुछ नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और चुनाव आयोग से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
मोकामा बना सियासी हिंसा का नया केंद्र
बिहार में हर चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाएं सामने आती रही हैं, लेकिन मोकामा की यह घटना इस बार राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के खतरनाक स्तर को दिखाती है। राजद नेता की हत्या और काफिले पर हमला न केवल एक व्यक्ति की जान लेने वाली घटना है, बल्कि बिहार की लोकतांत्रिक साख पर भी सवाल उठाती है।









