Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मोकामा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है। शुक्रवार को यहां राजद प्रत्याशी वीणा देवी के काफिले पर अज्ञात उपद्रवियों द्वारा हमला किए जाने की खबर से इलाके में हड़कंप मच गया। हमले में उनकी फॉर्च्यूनर गाड़ी का शीशा टूट गया जबकि दो अन्य वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों की तत्परता से वीणा देवी बाल-बाल बच गईं।
Bihar Election 2025: पंडारक के पास हुआ हमला
घटना पंडारक गांव के पास की बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शुक्रवार दोपहर वीणा देवी अपने समर्थकों के साथ प्रचार के सिलसिले में क्षेत्र का दौरा कर रही थीं। तभी अचानक कुछ लोगों ने उनके काफिले पर ईंट-पत्थर और लाठियां चलानी शुरू कर दीं। सुरक्षाकर्मी तुरंत हरकत में आए और वीणा देवी को एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
एक दिन पहले हुई थी दुलारचंद यादव की हत्या
वीणा देवी, बाहुबली नेता और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी हैं। वे इस बार मोकामा सीट से महागठबंधन (राजद) की प्रत्याशी हैं। राजनीतिक रूप से यह सीट हमेशा से संवेदनशील रही है और यहां का चुनावी इतिहास हिंसक झड़पों से भरा रहा है।
इस हमले ने मोकामा की सियासत को और अधिक गरमा दिया है क्योंकि सिर्फ एक दिन पहले जन सुराज पार्टी के समर्थक और चर्चित बाहुबली दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस मामले में जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन दोनों घटनाओं ने चुनावी तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है।
प्रशासन अलर्ट, बढ़ाई गई सुरक्षा
घटना की जानकारी मिलते ही पटना पुलिस और बाढ़ अनुमंडल के अधिकारी मौके पर पहुंचे। एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है। आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
वीणा देवी के समर्थक इस हमले को राजनीतिक साजिश बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह हमला उन्हें चुनावी दौड़ से डराने की कोशिश है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस घटना की निंदा करते हुए चुनावी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
मोकामा में बढ़ता चुनावी तनाव
मोकामा विधानसभा सीट इस बार तीन प्रमुख उम्मीदवारों के बीच त्रिकोणीय मुकाबले का केंद्र बन गई है —
- वीणा देवी (राजद – महागठबंधन)
- अनंत सिंह (जदयू – एनडीए)
- पीयूष प्रियदर्शी (जन सुराज पार्टी)
लगातार हो रही हिंसक झड़पों और हत्याओं ने इस क्षेत्र के चुनाव को “हॉट सीट” बना दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किए बिना शांतिपूर्ण मतदान संभव नहीं है।
मोकामा की राजनीति हमेशा से बाहुबली प्रभाव और गुटीय वर्चस्व के लिए जानी जाती रही है। लेकिन इस बार की घटनाएँ दिखा रही हैं कि बिहार चुनाव 2025 में लोकतंत्र और हिंसा की जंग साथ-साथ चल रही है। प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती अब यह है कि मतदान से पहले शांति और भरोसे का माहौल बहाल किया जा सके।
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