लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अब अपनी पहली विदेश यात्रा पर इटली निकल चुके हैं. दरअसल इस यात्रा के लिए इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए न्योता दिया. माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) कई देशों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे और कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. भारत को इटली से बेहद ही खास न्योता दिया गया था.
ऐसे में यह स्पष्ट है कि पीएम मोदी और मैक्रो की मुलाकात कई मायने में अहम होगी. पीएम मोदी ने बताया कि हमारा लक्ष्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और उज्जवल भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है.
इन नेताओं से हुई मुलाकात
इटली पहुंचने के बाद नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को राष्ट्रपति मैक्रो ने गले से लगा लिया और उनका गर्म जोशी से स्वागत किया. इसके बाद पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेस्की की से भी मुलाकात की. मुख्य रूप से देखा जाए तो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो से मुलाकात करने के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया गया. इटली के लिए रवाना होने से पहले नरेंद्र मोदी ने यह बताया था कि पिछले साल मेंलोनी की दो यात्राओं ने हमारे द्विपक्षी एजेंडे को गति और गहराई देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
आपको बता दे कि दोनों ही लोकतांत्रिक देश हैं और दोनों नेताओं के बीच काफी अच्छी मित्रता देखने को मिलती है. दोनों देश कानून के शासन, मानव अधिकार के सम्मान और समावेशी विकास के माध्यम से आर्थिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है. 2021 के अक्टूबर में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इटली का दौरा किया था और पिछले ही साल जॉर्जिया मेंलोनी ने राजकीय यात्रा पर भारत का दौरा किया था जो जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आई थी.
शामिल होंगे यह देश
यह जो शिखर सम्मेलन है वह 15 जून तक चलने वाला है. भारत (Narendra Modi) इस सम्मेलन में आउट रीच देश के रूप में शामिल हो रहा है, जहां भारत की एक अलग छाप देखने को मिली. वहां इटली की पीएम मेलोनी ने अपने मेहमानों का स्वागत हाथ जोड़कर नमस्ते से किया. G7 के इस मंच का मुख्य फोकस आर्थिक नीतियां होती है लेकिन हाल के समय में यह मंच रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के गुटों का रूप ले चुका है. आपको बता दे की G7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल है. इटली के पास G7 की मौजूदा प्रेसीडेंसी है, इसलिए इसकी मेजबानी उसके पास है.