25 जून 1975 का दिन भारत को याद है, जब इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था. इसी को याद करते हुए लोकसभा के स्पीकर बने ओम बिरला (Om Birla) ने बताया है कि भारत के इतिहास में इस दिन को हमेशा काला अध्याय के रूप में जाना जाएगा. इस दिन इंदिरा गांधी ने न केवल इमरजेंसी लगाई थी बल्कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान पर हमला किया था.
ओम बिरला (Om Birla) ने अपनी स्पीच में 1975 में लगाई गई इमरजेंसी के मुद्दे के साथ शुरुआत की और कांग्रेस को उसके लिए घेरा और सदन में 2 मिनट का मौन भी रखवा दिया. साथ ही साथ उन्होंने आपातकाल लगाने के फैसले की कड़ी निंदा की और उन लोगों की सराहना की जिन्होंने इसका विरोध किया था.
इमरजेंसी को Om Birla ने किया याद
पूरी दुनिया में जो भारत लोकतंत्र की जननी के रूप में मानी जाती है, उस भारत ने भी काला अध्याय देखा है. भारत में हमेशा से लोकतांत्रिक मूल्य और वाद विवाद का समर्थन किया गया है. लोकतांत्रिक मूल्यों की हमेशा रक्षा की गई है. उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया गया है. ऐसे भारत पर इंदिरा गांधी द्वारा तानाशाही थोपी गई. भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोटा गया.
ओम बिरला (Om Birla) ने आगे कहा कि इमरजेंसी के दौरान भारत के नागरिकों के सभी अधिकार को खत्म कर दिए गए थे और उनकी आजादी भी छीन ली गई थी. उस वक्त विपक्ष के नेताओं को मारकर जेल में बंद कर दिया गया था और पूरे देश को जेल खाना बना दिया गया. उस वक्त ताना शाही सरकार ने मीडिया पर भी कई तरह की पाबंदियां लगाई थी.
दूसरी बार मिली जिम्मेदारी
इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा जो फैसला दिया गया था, उस पर भी ओम बिरल (Om Birla) ने आपत्ति जताते हुए कहा कि उन फैसलों ने संविधान की भावनाओं को कुचलने का काम किया. मीडिया को उस वक्त सच लिखने से रोक दिया गया था और उस वक्त सरकार का उद्देश्य था कि सारी शक्तियां एक व्यक्ति के पास आ जाए. इतना ही नहीं इमरजेंसी के दौरान लोगों को कांग्रेस सरकार द्वारा जबरन थोपी गई अनिवार्य नसबंदी का प्रहार झेलना पड़ा.
इमरजेंसी का काल खंड हमें याद दिलाता है कि कैसे उस वक्त हम सभी पर हमला किया गया था. आपको बता दे कि 18वीं लोकसभा के स्पीकर के तौर पर ओम बिरला (Om Birla) को चुना गया है जहां तारीफ और ताने दोनों के साथ उनका सदन में स्वागत किया गया .यह लगातार दूसरी बार है जब उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है.