बहू ने धोखा दिया उसकी जगह बेटी को नौकरी दे, Martyred Major Ashish के माता-पिता ने लगाई गुहार

Martyred Major Ashish Parents Appeal: कश्मीर के अनंतनाग में शहीद पानीपत के मेजर आशीष धौचक (Martyred Major Ashish) के शहीद होने के बाद सरकार ने उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी देने की बात कही है, लेकिन अब शहिद के माता-पिता इसके खिलाफ नजर आ रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि अगर सरकार ऐसा करती है तो उनके बुढ़ापे का सहारा खत्म हो जाएगा क्योंकि उनकी बहू उनका ख्याल नहीं रख रही है और जैसे ही शहीद मेजर की 13वीं हुई उसके बाद ही उनकी बहू घर से गाड़ी और जेवर लेकर चली गई थी.

कई महीने बीत जाने के बाद भी बहू ने अपने सास- ससुर की कोई खबर नहीं ली. ऐसे में सास- ससुर को यह डर है कि अगर सरकार इन्हें नौकरी दे देगी तो फिर उनके बुढ़ापा का सहारा कौन बन पाएगा. ऐसे में उन्होंने सरकार से विशेष गुहार लगाई है और बेटी आशीष (Martyred Major Ashish) के शहीद होने के बाद अपनी बहू के बजाय बेटी को नौकरी देने की बात कही है.

ये है पूरा मामला

मेजर आशीष (Martyred Major Ashish) हरियाणा में पानीपत के रहने वाले थे, जो जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों का सामना करते हुए देश के लिए शहीद हो गए, लेकिन परिवार का एकमात्र सहारा होने वाले बेटे के गुजरने के बाद अब माता-पिता की हालत बहुत बुरी हो चुकी है. बहू ने घर छोड़ दिया है और सारे जेवर, कैश और गाड़ी लेकर चली गई है. साथ ही साथ परिवार वालों ने यह भी बताया है की बहू ने आधे घर में ताला लगा दिया है.

यही वजह है की बहू की बेरुखी को देखते हुए अब शहिद के माता-पिता नहीं चाहते कि उनकी बहू को सरकारी नौकरी मिले. परिवार का कहना है कि यह नौकरी उनकी बेटी को दी जाए जिससे कि उनका बुढ़ापा आराम से कट सके.

पेंशन के सहारे चल रहा गुजरा

आपको बता दे कि मेजर शहीद मेजर (Martyred Major Ashish) 2023 में शहीद हुए थे. कुछ समय पूरा देश उनके साथ था लेकिन अब धीरे-धीरे लोग इस बात को भूल चुके हैं और उनकी बहू ने भी उन्हें धोखा दिया है. परिवार वालों ने बताया है कि बेटे (Martyred Major Ashish) के गुजर जाने के बाद वह मेरे बेटे की कार, 30 तोला सोना समेत अन्य कीमती सामान भी अपने साथ ले गई है लेकिन इसका उन्हें कोई मलाल नहीं है, लेकिन दुख इस बात का है कि उनकी पोती से भी बात नहीं करने दे रही.

शहिद को गए 11 महीने हो गए हैं लेकिन अभी तक बहू ने सास ससुर की कोई खोज खबर नहीं ली है. ऐसे में इन दो बुजुर्गों का गुजारा पेंशन के सहारे चल रहा है.

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