Payal Khatik: गुरुवार की दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास का आसमान तब चीख उठा जब एयर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 274 लोगों की मौत हो गई, जिनमें कई यात्री, मेडिकल कॉलेज के छात्र, और स्थानीय नागरिक शामिल हैं। यह त्रासदी केवल एक विमान दुर्घटना नहीं थी, बल्कि सैकड़ों परिवारों की उम्मीदों, संघर्षों और सपनों का अंत थी।
पहली उड़ान और अधूरा सपना
इस दर्दनाक हादसे में राजस्थान के उदयपुर जिले की रहने वाली पायल खटीक (Payal Khatik) की भी जान चली गई। पायल वर्तमान में गुजरात के हिम्मतनगर में अपने परिवार के साथ रहती थीं और एक निजी कंपनी में कार्यरत थीं। कंपनी की ओर से उन्हें लंदन भेजा जा रहा था, यह उनकी जिंदगी की पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान थी।
पायल (Payal Khatik) के पिता वर्षों से लोडिंग रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालते रहे। उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाया, सपने दिखाए और उम्मीद की थी कि उसकी नौकरी से उनका भविष्य बदलेगा। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा उनकी सभी उम्मीदों को राख कर गया।
हादसे में एक नाबालिग आकाश की भी मौत
इस विमान हादसे में फुटपाथ पर सो रहे एक मासूम नाबालिग आकाश की भी मौत हो गई। प्लेन क्रैश के बाद लगी भीषण आग ने आसपास के इलाके को भी अपनी चपेट में ले लिया, जिससे कई आम नागरिक भी झुलस गए।
सिर्फ हादसा नहीं, एक सामाजिक त्रासदी
274 जानों की यह क्षति सिर्फ एक विमानन दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह उन हजारों परिवारों (Payal Khatik) की कहानियों का अंत है, जो गरीबी, संघर्ष और मेहनत के रास्ते से अपने बच्चों के सपनों को ऊंचाई देना चाहते थे। यह त्रासदी मानवता के लिए चेतावनी भी है कि सुरक्षा मानकों की समीक्षा कितनी ज़रूरी है।
हादसा इतिहास का हिस्सा बन गया
AI-171 फ्लाइट का यह हादसा अब भारत के विमानन इतिहास का एक काला अध्याय बन चुका है। सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं, और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने की बात भी कही गई है, लेकिन जिन घरों के चिराग बुझ गए, उनके लिए यह नुकसान कभी नहीं भर सकेगा।
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