दुविधा में है Rahul Gandhi, वायनाड या रायबरेली में से किसे चुने, किसी एक सीट से देना होगा इस्तीफा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस बार आम चुनाव में दो सीटों से खड़े हुए थे और दोनों ही जगह से उन्हें शानदार तरीके से जीत मिली है, लेकिन अब राहुल गांधी काफी असमंजस में पड़े हुए हैं कि वह वायनाड और रायबरेली में से किसे चुने. यह कोई पहली बार नहीं है. इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने वायानाड और उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला लिया था लेकिन उस वक्त वह अमेठी से हार गए थे और वायनाड की जनता ने उन्हें सांसद चुनकर लोकसभा भेजा था लेकिन इस बार उन्होंने जो दो सीटों पर चुनाव लड़ा है, उन दोनों सीटों पर ही उन्हें जीत हासिल हुई है जहां अब उन्होंने बताया है कि वह इस वक्त काफी कन्फ्यूज है और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वह क्या फैसला लें.

Rahul Gandhi ने कही ये बात

केरल के वायनाड से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जनता से सीधे बातचीत करते हुए सबसे पहले तो लोगों को धन्यवाद दिया और लोगों से पूछा कि वह कहां से सांसद रहे. वह दुविधा में है कि रायबरेली या वायनाड में से किसे चुने. इस बीच भीड़ ने जवाब दिया- वायनाड. हालांकि इसके बाद राहुल गांधी ने यह जरूर कहा है कि मेरे फैसले से दोनों जगह की जनता काफी खुश होगी, यह मेरा वादा है. सभी तरह के समर्थन के लिए धन्यवाद करता हूं और मैं जल्द ही आपसे फिर मिलने आऊंगा. नियम पर अगर एक नजर डालें तो राहुल (Rahul Gandhi) एक सीट से ही सांसद रह सकते हैं. उन्हें किसी एक सीट को त्यागना पड़ेगा.

फैसला करना हो रहा मुश्किल

वायनाड और रायबरेली के बीच किसी एक को चुनने में कांग्रेस और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के पास कई चुनौतियां सामने आ रही है. रायबरेली गांधी परिवार की पारंपरिक गढ़ मानी जाती है, तो वहीं दूसरी सीट जो वायनाड है, वहां की जनता ने उस समय राहुल को अपनाया है जब वह खुद की परंपरागत सीट अमेठी से चुनाव हार गए थे. ऐसे में वे दोनों ही जगह के वोटर से सीधे जुड़ाव महसूस करते हैं. यह तो स्पष्ट है कि वह जिस भी सीट से इस्तीफा देंगे, वहां उपचुनाव होंगे और कांग्रेस के पास मौका रहेगा कि वो वहां अपना उम्मीदवार को उतार कर जीताने की कोशिश करें. साथ ही साथ उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि विपक्ष के रूप में हमारी भूमिका जारी रहेगी. मैं भारत के गरीब लोग को अपना भगवान मानता हूं और मैं अपने भगवान से ही बात करके यह तय करूंगा कि आगे क्या करना है.

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