RJD Gandhari Poster: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजद (RJD) को मिली भारी हार के बाद राजधानी पटना की सड़कों पर राजनीतिक व्यंग्य और तंज से भरे पोस्टरों की भरमार हो गई है। सोशल मीडिया पर इन पोस्टरों की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं और राजनीतिक गलियारों में इन पर खूब चर्चा हो रही है। इनमें सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है ‘गांधारी पोस्टर’, जिसने चुनावी माहौल में नई बहस छेड़ दी है।
RJD Gandhari Poster: राबड़ी देवी को ‘गांधारी’ के रूप में दिखाया गया
पटना के डाकबंगला चौराहा, राजेंद्र नगर, भट्टाचार्य रोड सहित कई इलाकों में लगे इस पोस्टर में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और संजय यादव को दर्शाया गया है। सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि पोस्टर में राबड़ी देवी की आँखों पर पट्टी बंधी दिखाई गई है, उन्हें ‘गांधारी’ का रूप दिया गया है। राजनीति में इस प्रतीक का उपयोग कहीं-न-कहीं नेतृत्व और निर्णय क्षमता पर सवाल उठाने जैसा माना जा रहा है।
पोस्टर में लिखा संवाद बना विवाद का कारण
पोस्टर में दिखाया गया दृश्य और संवाद इस राजनीतिक व्यंग्य को और तीखा बना देता है। दृश्य में लालू यादव, संजय यादव से पूछते हुए पाए जाते हैं “संजय, देखो तुमको क्या दिख रहा है?” इस पर संजय यादव जवाब देते हैं “महाराज, हमें तो सिर्फ हरियाणा का मॉल दिख रहा है।”
इस संवाद को लेकर कई तरह की राजनीतिक व्याख्याएँ सामने आ रही हैं। माना जा रहा है कि इस तंज के माध्यम से चुनावी रणनीति और सलाहकारों की भूमिका पर निशाना साधा गया है।
पोस्टर किसने लगाया?—राज़ अब भी बरकरार
पोस्टर के नीचे किसी संगठन या व्यक्ति का नाम नहीं है। यानी—इसे किसने लगवाया, यह अब तक स्पष्ट नहीं है। परंतु राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह पोस्टर जानबूझकर हार के बाद राजद नेतृत्व और आंतरिक फैसलों पर सवाल उठाने के उद्देश्य से लगाया गया है।
जनता और राजनीतिक समर्थकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
पटना की सड़कों से गुजरने वाले लोग इस पोस्टर पर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। कुछ इसे राजनीतिक व्यंग्य की सामान्य परंपरा मानते हैं। तो कुछ लोग इसे अनावश्यक विवाद भड़काने वाला कदम बता रहे हैं। वहीं राजद समर्थक इसे विपक्ष की सोची-समझी रणनीति कह रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी दोनों पक्ष अपने-अपने नजरिये से बहस में लगे हुए हैं।
चुनावी राजनीति में पोस्टर-वार की नई परंपरा
बिहार की राजनीति में पोस्टरों का इतिहास लंबा रहा है, लेकिन चुनाव 2025 के बाद इनकी संख्या और तेवर में खासा बदलाव देखने को मिल रहा है। लगातार ऐसे पोस्टर सामने आ रहे हैं जो नेताओं, पार्टियों और चुनावी फैसलों पर कटाक्ष करते हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि Bihar में अब पोस्टर-वार एक नई राजनीतिक परंपरा के रूप में उभर रहा है।
राजद की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
इस पूरे घटनाक्रम पर राजद की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह पोस्टर आने वाले समय में राजद की हार और नेतृत्व को लेकर और भी चर्चाओं को जन्म देगा।
“गांधारी पोस्टर” फिलहाल पटना की राजनीतिक हवा में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बन गया है। चुनाव परिणाम, हार की निराशा और नेतृत्व की आलोचना—इन सबके बीच यह पोस्टर राजद के लिए नई चुनौती और विपक्ष के लिए मजबूत हथियार साबित हो रहा है।








