23 जुलाई को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट (Budget 2024) पेश होगा जहां इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण महिलाओं से लेकर किसानों और युवाओं के लिए काफी कुछ नहीं घोषणा करने वाली है. आपको बता दे कि इस बार का बजट मिडिल क्लास के लिए भी काफी खास होने वाला है. वहीं सीनियर सिटीजन भी इस बार के बजट (Budget 2024) से ताक लगाए हुए हैं. माना जा रहा है कि सीनियर सिटीजन को सरकार द्वारा रेलवे रियायत की संभावित बहाली को लेकर उम्मीदें हैं. हालांकि इस ओर सरकार का फैसला क्या होता है, यह कुछ ही दिनों में स्पष्ट हो जाएगा.
क्या कहता है रेलवे
रेलवे के अनुसार 60 या उससे ज्यादा की आयु के पुरुष और ट्रांसजेंडर और 58 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं को वरिष्ठ नागरिक माना जाता है. सीनियर सिटीजन रेलवे रियायत मिल और एक्सप्रेस ट्रेनों की सभी क्रांतिकारी जैसे दुरंतो शताब्दी जनशताब्दी और राजधानी ट्रेनों पर उपलब्ध थी. सीनियर सिटीजन को दी जाने वाली रियायत वापस लेने से रेलवे को एक्स्ट्रा राजस्व मिला है.
भारतीय रेलवे ने 8 करोड़ सीनियर सिटीजन से 562 करोड रुपए का रेवेन्यू जेनरेट किया था. उसमें से 2242 करोड रुपए लिया है तो आभाव से आए इस खंड में 4.6 करोड़ पुरुष और 3.3 करोड़ महिला यात्री और लगभग 18000 ट्रांसजेंडर व्यक्ति थे. इस बार के बजट (Budget 2024) में काफी कुछ देखने को मिलेगा.
4 सालों से नहीं मिल रही छूट
आपको बता दे कि मार्च 2020 में भारतीय रेलवे द्वारा सीनियर सिटीजन को ट्रेन किराए पर दी जाने वाली छूट बंद कर दी गई थी. इस छूट के तहत महिला वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50% की छूट और पुरुष और ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों के लिए 40% की छूट मिलती थी. यही वजह है कि अब सीनियर सिटीजन को पूरा किराया देना पड़ रहा है.
आपको बता दे की दिसंबर 2023 में रेल मंत्री अश्विनी चौबे ने इस बात पर रोशनी डालते हुए यह बताया है कि 2019 से 2020 में समाज के सभी वर्गों के लिए यात्री की टिकट को टिकटों पर 59837 करोड रुपए की पर्याप्त सब्सिडी प्रदान की और यह सब्सिडी जारी रहेगी. बजट (Budget 2024) में हो सकता है कि इसे लेकर कुछ नया ऐलान हो.