Bihar Election 2025: मोकामा गोलीकांड पर गरमाई सियासत, तेजस्वी यादव ने उठाए सुरक्षा पर सवाल, पुलिस ने कही ये बड़ी बात

On: Thursday, October 30, 2025 9:09 PM
Bihar election 2025

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मोकामा टाल क्षेत्र में हुई गोलीबारी और एक व्यक्ति की मौत ने पूरे प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। आचार संहिता लागू होने के बावजूद गोलियों की तड़तड़ाहट और हिंसा ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना अब सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि चुनावी नैरेटिव का केंद्र बिंदु बन गई है।

Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव का सरकार पर तीखा प्रहार

राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा “चुनाव में हिंसा की कोई ज़रूरत नहीं है। हम कभी हिंसा के पक्षधर नहीं रहे। सवाल यह है कि आचार संहिता के दौरान बंदूक लेकर कौन घूम रहा है?” तेजस्वी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री को सिर्फ पुरानी बातें करने के बजाय यह देखना चाहिए कि “सिवान में एएसआई की हत्या हो गई, मोकामा में दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई — आखिर यह कैसा राज है?”

उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों को सरकार का संरक्षण मिल रहा है और यह बिहार की कानून व्यवस्था की असल तस्वीर दिखाता है।

पुलिस की कार्रवाई: एफआईआर दर्ज, जांच शुरू

घटना के बाद बाढ़-2 के एसडीपीओ अभिषेक सिंह ने बताया कि “टाल क्षेत्र में दो गुटों के काफिलों के बीच विवाद हुआ था। एक पक्ष ने दूसरे पर गोली चलाने और गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाया है।” पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम को मौके पर बुलाया गया है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि किन लोगों ने हथियारों का इस्तेमाल किया और क्या ये गाड़ियाँ चुनावी प्रचार से जुड़ी हुई थीं।

मतदाताओं में असुरक्षा की भावना — लोकतंत्र पर संकट

इस वारदात ने एक बार फिर लोकतांत्रिक प्रक्रिया की साख पर सवाल खड़ा कर दिया है। गोलीबारी और हिंसा की घटनाएँ मतदाताओं में डर और असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की घटनाएँ जनता के विश्वास को कमजोर करती हैं और चुनावी प्रक्रिया को हिंसक और अस्थिर बनाती हैं। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस हिंसा की पुनरावृत्ति रोक पाएगा?

दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच तेजी से चल रही है और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। मोकामा और टाल क्षेत्र में पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती कर दी गई है ताकि माहौल को नियंत्रण में रखा जा सके।

सियासी असर और आगे की राह

मोकामा गोलीकांड अब चुनावी मुद्दा बन चुका है। राजद, जदयू और एनडीए गठबंधन के नेताओं के बीच इस घटना पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। वहीं, जनता चाहती है कि इस घटना के असली दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा मिले और चुनावी माहौल में शांति और विश्वास बहाल किया जाए।

मोकामा की यह घटना सिर्फ एक गोलीकांड नहीं, बल्कि बिहार के चुनावी माहौल की हकीकत को उजागर करती है। जहाँ एक ओर नेता जनता से विकास और रोजगार की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गोली और हिंसा की राजनीति लोकतंत्र के लिए खतरा बनती जा रही है।

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