Kupwara Terror Attack: जम्मू कश्मीर में एक बार फिर से सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ देखने को मिली है, जिसमें भारत का एक जवान शहीद हो गया है. इतना ही नहीं इस हमले में मेजर समेत चार जवान घायल बताए जा रहे हैं. यह मुठभेड़ माछिल सेक्टर के पास जंगल एरिया में हुई. फिलहाल भारतीय जवान जो इस घटना में घायल हुए हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनका उपचार हो रहा है. आतंकियों द्वारा भारतीय सैनिकों पर तब हमला कर किया गया जब कमकारी इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था, तभी आतंकियों (Terror Attack) ने अचानक आकर फायरिंग शुरू कर दी.
हालांकि भारतीय सुरक्षा बल पहले से ही सचेत थे क्योंकि उन्हें इस इलाके में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद यह ऑपरेशन शुरू किया गया. इस हमले (Terror Attack) के बाद और भी आतंकी ऐसे हैं जो जंगल की ओर भागे हैं और उनकी तलाशी जारी है. इस आतंकी हमले में नॉन कमीशंड ऑफिसर दिलावर सिंह की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. इससे पहले मंगलवार को जो एनकाउंटर हुआ था, उसमें सुभाष कुमार शहीद हो गए थे.
मारा गया एक पाकिस्तानी आतंकी
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा (Terror Attack) में हुए इस मुठभेड़ में बताया जा रहा है कि पाकिस्तान का एक आतंकी भी मारा गया है और यह संदेह है कि वह पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम के एसएसजी कमांडो हैं. कहा जा रहा है कि यह पाकिस्तान की तरफ से किया गया एक बैट अटैक है जिसका मतलब होता है बॉर्डर एक्शन टीम जिसमें पाकिस्तान के कमांडो और आतंकी शामिल होते हैं. यह लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर घुसपैठ करते हैं.
इस पूरे मामले के बाद भी कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के करीब इलाके में ऑपरेशन जारी है. आपको बता दे की 2024 के जुलाई महीने में अब तक जम्मू कश्मीर (Terror Attack) में 9 बड़े आतंकी हमले हुए हैं जिसमें कुल 13 जवान शहीद हुए हैं, जबकि सुरक्षा कर्मियों ने 12 आतंकियों को मार गिराया है. पिछले 27 दिनों में देखा जाए तो यह नौंवा आतंकी हमला माना जा रहा है.
हर दिन बढ़ रही है घटनाएं
इस वक्त देखा जाए तो लगातार पिछले एक- दो महीने से जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले (Terror Attack) का सिलसिला और भी ज्यादा बढ़ चुका है. सूत्रों द्वारा यह बताया गया है कि कुछ आतंकी ऐसे हैं जिनके पास हथियार और सेटेलाइट फोन मिले थे, जो इस बात का सबूत है कि आतंकियों में पाकिस्तान सेना के पूर्व या वर्तमान सैनिक भी शामिल है. जम्मू में आतंकी घटनाएं कई बड़ा रूप भी ले सकती है क्योंकि यहां कश्मीर के मुकाबले जनसंख्या काफी कम है और सड़क संपर्क भी काफी सीमित माना जाता है. यहां का बड़ा इलाका पहाड़ी है इसलिए आतंकियों को यहां मार गिराने में समय लग रहा है.