Upendra Kushwaha: एनडीए में सीट शेयरिंग के बाद उपेंद्र कुशवाहा पार्टी द्वारा दी गई सीट से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे थे, जिसके बाद उन्होंने इसे लेकर नाराजगी जाहिर की. उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए अमित शाह ने उन्हें दिल्ली बुलाया और 1 घंटे से ज्यादा की उनकी बैठक चली, लेकिन इस बैठक का कोई भी फायदा उन्हें नहीं हुआ.
जिस महुआ सीट के लिए उपेंद्र कुशवाहा नाराज चल रहे थे, आखिरकार वह चिराग पासवान के खाते में चली गई, जिन्होंने अब महुआ सीट से अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है.
Upendra Kushwaha: एनडीए को मिली महुआ की सीट
जिस महुआ की सीट के लिए उपेंद्र कुशवाहा नाराज थे, अमित शाह से मुलाकात के बावजूद भी उन्हें वह सीट नहीं मिली. अब चिराग पासवान ने अपनी पार्टी से संजय सिंह को महुआ सीट से उम्मीदवार बनाया है और उन्हें सिंबल भी बांट दिया है. आपको बता दें कि सीट शेयरिंग के दौरान भी चिराग पासवान को काफी ज्यादा महत्व दिया गया और जब महुआ की सीट उनके खाते में आई तो यह बात उपेंद्र कुशवाहा को नागवार गुजरी. इसके बाद उन्होंने एक अलग रूख अपनाया.
अपने बेटे को लड़वाना चाहते थे चुनाव
आपको बता दें कि जब एनडीए में सीट शेयरिंग हुई, उसके बाद से ही उपेंद्र कुशवाहा एक अलग मूड में नजर आए. सोशल मीडिया पर वह कई बार अपने पोस्ट के माध्यम से दर्द और नाराजगी जाहिर करते नजर आए, लेकिन उनकी नाराजगी तब और बढ़ गई जब उन्हें पता चला कि उनके कोटे की महुआ और दिनारा सीट बीजेपी ने चिराग को दे दी है जिसके बाद उन्हें यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आई.
इस बात को लेकर भाजपा के नेता नित्यानंद राय और सम्राट चौधरी उन्हें मनाने भी पहुंचे लेकिन कुशवाहा नहीं माने. सोशल मीडिया पर उन्होंने ‘नथिंग इस वेल इन एनडीए’ का पोस्ट भी कर दिया था जिसके बाद ये कयास लगाए जाने लगे थे कि गठबंधन में कुछ भी ठीक नहीं है.
दरअसल महुआ सीट से कुशवाहा अपने बेटे दीपक कुशवाहा को उतारने की तैयारी में थे लेकिन यह सीट अब चिराग को मिल चुकी है. फिलहाल बीजेपी ने कुशवाहा को यह कहकर संतोष दिलाया है कि उनके बेटे को अगले साल बीजेपी एमएलसी बनाएगी.
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