केरल के वायनाड (Wayanad Landslides) में इस वक्त देखा जाए तो एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आ रही है. देर रात हुए भूस्खलन में 100 से भी ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और अभी भी मलबे में फंसे कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें बाहर निकालने का काम किया जा रहा है. हर समय मृतको की संख्या बढ़ती ही जा रही है. फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना को तैनात किया गया है. सेना के साथ-साथ नेवी भी इस रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल है.
बताया जा रहा है कि रात के करीब 2:00 बजे अचानक भूस्खलन (Wayanad Landslides) हुई जिसके बाद सुबह करीब 4:10 पर एक बार फिर लैंडस्लाइड देखा गया. रात में जो लोग गहरी नींद में सोए थे उनके परिवार वालों की मौत हो गई है. 16 शव एक जलाशय में मिले. कई शव ऐसे हैं जिनकी पहचान नहीं हो पाई है.
वायनाड में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
केरल में के वायनाड (Wayanad Landslides) में हुए इस भूस्खलन में 250 से भी ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है, जहां कन्नूर से सेना के 225 जवानों को वायानाड के लिए रवाना किया गया है. साथ ही मेडिकल टीम, एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. इससे पहले भी 2019 में इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड की घटना हुई थी जिसमें 52 घर तबाह हुए थे और 17 लोगों की मौत हुई थी.
मौसम विभाग ने अभी केरल (Wayanad Landslides) के कई इलाकों में तेज बारिश का अलर्ट दिया है जिस कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कत आ सकती है. आपको बता दे की इस मामले पर पीएम मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन सहित कई लोग अपनी नजर बनाए हुए हैं.
इस वजह से होता है लैंडस्लाइड
आपको बता दे कि इतनी ज्यादा भूस्खलन (Wayanad Landslides) की वजह जंगल की कटाई और भौगोलिक स्थिति मानी जा रही है. 100 वर्षों से भी ज्यादा समय से चाय बागानों के लिए केरल जाना जाता है लेकिन पेड़ पौधे की प्रजातियां में आने वाली कमी से जंगलों में कमी आई है. जलवायु परिवर्तन की वजह से बारिश का पैटर्न भी बदल गया है जिस वजह से ढलान वाले इलाकों में भूस्खलन बढ़ता जा रहा है. आमतौर पर इस तरह की घटनाएं भारी बारिश, बाढ़, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या फिर मानवीय गतिविधियों के कारण होती है. देश में हर साल 20 से 30 बड़ी घटनाएं लैंडस्लाइड की दर्ज की जा चुकी है.