Bihar Flood: बिहार में बाढ़ ने मचाया हाहाकार, कोसी नदी का दिख रहा रौद्र रूप

इस वक्त बिहार (Bihar Flood) में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है और 13 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. कोसी नदी के पानी ने भी अब बिहार में कहर बरसाना शुरू कर दिया है. कोसी, गंडक, बागमती और कमला जैसी नदी इस वक्त तूफान पर है और बिहार को पूरी तरह से डुबोने को तैयार है. इस वक्त देखा जाए तो बिहार (Bihar Flood) में 16 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. गंडक नदी जिस तरह से उफान पर है, उससे यह साफ स्पष्ट है कि अभी कई जगह पर मैदानी इलाकों में कोहराम मचाना बाकी है. अब लोग पानी के आगे त्राहिमाम करने को पूरी तरह से मजबूर है.

बेहद खराब है स्थिति

इस वक्त देखा जाए तो सीतामढ़ी, मोतिहारी, शिवहर, बगहा, बेतिया ये ऐसे जिले हैं जो सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित नजर आ रहे हैं. उत्तर बिहार (Bihar Flood) के लोगों का घर डूब चुका है और आने जाने के रास्ते भी तहत नहस हो गए हैं या तो तैर के जाने का विकल्प है या फिर नाव से कहीं जाने का साधन है. जब से गंडक नदी में 5 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी बराज से छोड़ा गया तो उसके बाद वाल्मीकि नगर और बगहा के अलग-अलग इलाकों में स्थिति बहुत खराब है और स्कूल भी बंद है जिन लोगों को जहां कहीं भी सुरक्षित जगह मिल रही है वह वहां पर शरण ले रहे हैं.

स्थिति ऐसी है कि लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर करें क्या और जाए कहां. खाने पीने को भी लाले पड़े हुए हैं. गंडक नदी का पानी जिस तरह पश्चिमी चंपारण के अलग-अलग इलाकों में अंदर जा रहा है. यह उतना ही ज्यादा भयावह रूप लेता जा रहा है.

कोसी बराज ने तोड़े रिकॉर्ड

स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें नेपाल से खाना मिल रहा है और उसी से उनकी उनका दिन गुजर रहा है. नाही मुखिया नहीं सरपंच और ना ही विधायक लोगों पर किसी तरह का कोई ध्यान दे रहे हैं. 1968 के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब कोसी बराज से इतना ज्यादा पानी (Bihar Flood) छोड़ा गया. पानी इतना ज्यादा है कि तटबंधों के टूटने का खतरा भी होने लगा है. कई जगह पर तो स्थिति ऐसी है कि छोटे-छोटे गांव और कस्बे अब टापू में बदल गए हैं.

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