Poisonous Liquor : बिहार (Bihar Hooch Tragedy) में हर दिन जिस तरह से जहरीली शराब से मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं, उसी के साथ पता चल रहा है कि अभी भी बिहार (Bihar Hooch Tragedy) में शराबबंदी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है. इस वक्त देखा जाए तो मृतकों का आंकड़ा 37 तक पहुंच गया है और माना जा रहा है कि यह आंकड़े और भी ज्यादा बढ़ने वाले हैं.
शनिवार को दो लोगों की मौत की पुष्टि होने के बाद आंकड़ों में बढ़ोतरी नजर आई है, जिसकी शुरुआत सिवान और सारण जिले से हुई थी. सिवान जिले के मगर और औरैया पंचायत में 28 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने के कारण हुई जबकि सारण जिले के मशरक थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर में 7 लोगों ने किस कारण अपनी जान गवाई.
कई लोगों की हालत अभी भी गंभीर
जिन लोगों की जान गई है, उन सभी ने जहरीली शराब (Bihar Hooch Tragedy) का सेवन किया था. यही वजह है कि इस वक्त सीवान और सारण के साथ-साथ पटना के अलग-अलग अस्पतालों में यह देखा जा रहा है कि 25 से भी ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. हालांकि मृतकों के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आधिकारिक रूप से पुष्टि हो जाएगी कि उनकी मौत किस कारण हुई है. इस वक्त देखा जाए तो बिहार में जहरीली शराब से मौत का मामला काफी गर्माया हुआ है जिसे लेकर बिहार में सियासी घमासान भी शुरू हो चुका है.
विपक्ष कर रही सरकार पर हमला
इस वक्त देखा जाए तो बिहार (Bihar Hooch Tragedy) में जहरीली शराब पीने के कारण जिस तरह लोगों की मौत हो रही है, उसके बाद पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर है. राजद ने अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लागू की गई शराब बंदी पर सवाल उठाए हैं और शराबबंदी को सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी बताते हुए कहा है कि इस खोखले भ्रष्टाचार के नाम पर लगभग 30000 करोड रुपए की एक समान अंतर अर्थव्यवस्था चल रही है, जिसका सीधा फायदा जदयू और उसके नेताओं को मिल रहा है.
बिहार में शराबबंदी है इसके बावजूद भी यहां के लोग दूसरे राज्यों के मुताबिक ज्यादा शराब पीते हैं. बिहार (Bihar Hooch Tragedy) में हर दिन 400 से भी ज्यादा लोगों को शराब के मामले में गिरफ्तार किया जा रहा है और हर दिन हजारों जगह पर छापेमारी होती है जिससे सरकार की नीति पर और भी ज्यादा सवाल उठने लगे है.