Snake Festival: बिहार में कई ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम आपने देखे होंगे लेकिन बिहार के एक जिले में नागपंचमी के मौके पर सांपों का खास तौर पर मेला लगता है, जिसे देखकर आप भी दंग रह जाएंगे और इस नजारे को देखने के लिए दूसरे- दूसरे जगह से भी लोग वहां पहुंचते हैं. हम समस्तीपुर के सिघिंया गांव की बात करने जा रहे हैं. यहां परंपरा है कि जब पूजा करके बूढी़ गंडक नदी में डुबकी लगाते हैं और हाथ और मुंह से नदी से सांप पकड़ कर बाहर निकलते हैं.
इस दौरान लोगों में प्रतियोगिता भी होती है और कहा जाता है कि उन सांपों को ले जाकर मंदिर में जो पूजा करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन सांपों (Snake Festival) से लोगों को बिल्कुल भी खतरा नहीं होता.
इस तरह लगता है Snake Festival
समस्तीपुर में नाग पंचमी के दिन ये अद्भुत मेला (Snake Festival) लगता है जहां लोग इस तरह का दृश्य देखकर दंग रह जाते हैं. आपको बता दे कि नदी में डुबकी लगाकर जैसे ही लोग सांप को हाथ और मुंह से पकड़ कर निकलते हैं तो इसके बाद उसे गले में लपेटकर मां भगवती के मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं जो की सिंघिंया बाजार में स्थित है. सांप निकालने का जो सिलसिला है वह बड़े ही धूमधाम (Snake Festival) से ढोल नगाड़े के साथ मनाया जाता है.
इस दौरान लोगों के बीच यह प्रतियोगिता होती है कि कौन नदी से कितनी जल्दी और कितने सांप निकालता है. इस हैरत मंद नज़ारे को देखकर आप भले ही दंग रह जाएंगे लेकिन लोग इसे श्रद्धा से जोड़कर इसे भगवान का चमत्कार बताते है.
देश के किसी कोने में नहीं होता है ऐसा
इस मेले (Snake Festival) में शामिल होने वाले लोगों द्वारा यह बताया गया है कि जब सिद्धि पूरी हो जाती है तो जिस नदी से सांप निकाले जाते हैं उसे फिर से सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाता है. आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि पूरे देश में केवल बिहार के समस्तीपुर में ही इस तरह के सांपों के मेले (Snake Festival) का आयोजन किया जाता है जिससे कई लोगों की श्रद्धा जुड़ी है.इस मेले की आयोजन पर काफी लोग उपस्थित रहते हैं जो भगवान से अपनी मुराद मांगते हैं और लोगों का कहना है कि ऐसा करने से उनकी मांगी हुई सारी मुरादे पूरी होती है.