Siddhnath Mandir Stampede: सावन के महीने में भगवान शिव के मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए भक्तों की लंबी-लंबी कतार और भीड़ देखने को मिलती है. बिहार के जहानाबाद के वाणावर पहाड़ी पर स्थित बाबा सिद्धनाथ मंदिर (Siddhnath Mandir) में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. मध्य रात्रि को अचानक मंदिर में भगदड़ मची और आठ लोगों की इसमें मौत हो गई. मृतकों में पांच महिला और तीन पुरुष शामिल है.
साथ ही साथ दर्जन से भी अधिक लोग इस भगदड़ में घायल है जिसमें 30 की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है. मखदुमपुर प्रखंड में स्थित यह मंदिर काफी लोकप्रिय है जिसमें लोग पूजा करने के लिए काफी दूर-दूर से आते हैं. दरअसल रविवार रात करीब 12:30 बजे यह घटना हुई जब कावड़िया जहानाबाद के मखदुमपुर इलाके में मंदिर में पूजा करने के लिए पहाड़ियों पर चढ़ रहे थे, तब यह घटना हुई. मृतकों में अधिकतर कांवरिया थे.
सावन के कारण अधिक थी भीड़
इस पूरी घटना के बाद आसपास के लोगों द्वारा यह बताया गया कि सावन की सोमवारी होने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक थी. लोगों ने इस घटना (Siddhnath Mandir) के लिए भीड़ प्रबंधन में कमी और पुलिस लाठी चार्ज को जिम्मेदार ठहराया है. लोगों का कहना है कि सावन के चौथे सोमवार से पहले जब श्रद्धालु की संख्या मंदिर में बढ़ने लगी तो पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की और जब वह ऐसा नहीं कर पाए तो इसके जगह पर उन्होंने लाठी चार्ज करना शुरू कर दिया. इसके बाद लोग इधर-उधर भागने लगे जिसके बाद भगदड़ (Siddhnath Mandir) मच गई.
फिलहाल सभी घायलों को मुकुंदपुर और आसपास के इलाकों में निकटतम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है और इस घटना की जांच किया रही है. बताया जा रहा है की मुख्य मंदिर में जाने के लिए तीन रास्ते हैं. जब तीनों रास्ते से लोग चढ़ जाते हैं तो सभी पहाड़ पर एक जगह जमा हो जाते हैं. इस दौरान वहां काफी भीड़ जमा हो जाती है और इसी भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन वहां मौजूद नहीं था.
घटना की हो रही है जांच
जैसे ही इस भगदड़ (Siddhnath Mandir) की सूचना मिली, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल का दौरा किया और वह स्थिति का जायजा ले रहे हैं. इस भगदड़ में सुशीला देवी, पूनम देवी, निशा कुमारी, निशा देवी, राजू कुमार और प्यारे पासवान की जान चली गई है. फिलहाल दो लोगों की अभी पहचान नहीं हो सकी है. प्रशासन ने मृतको के परिवार को उनके अंतिम संस्कार के लिए ₹20000 की वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है. आगे स्थिति को देखते हुए उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी. फिलहाल शवों की पहचान कर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है.