PM Modi Russia Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच काफी बेहतर संबंध है.आपको बता दे कि नरेंद्र मोदी और पुतिन की यह मुलाकात काफी ज्यादा अहम होगी क्योंकि 2019 के बाद प्रधानमंत्री मोदी की पहली रूस यात्रा होगी. फरवरी 2022 में रूस- यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से पीएम मोदी की पहली यात्रा भी मानी जा रही है.
इसी साल पुतिन ने मई में लगातार पांचवीं बार रूसी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली, जबकि पीएम मोदी (PM Modi) ने लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली है. मोदी की यह दो दिवसीय यात्रा होगी. इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है दोनों नेता इस साल के अंत में कजान में नेताओं की शिखर सम्मेलन के दौरान भी मुलाकात कर सकते हैं.
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संबंधों को मजबूत करेंगे PM Modi
देखा जाए तो तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी (PM Modi) ना सिर्फ देश के विकास के लिए बल्कि विदेशों से संबंधों को और मजबूत करने और भारत को ग्लोबल लेवल पर आगे बढ़ाने के लिए कदम बढ़ा चुके हैं. हाल ही में पीएम मोदी जी 7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए इटली गए थे. दूसरे देशों के लीडर्स और अन्य अधिकारियों के साथ उन्होंने मुलाकात की और द्विपक्षीय मीटिंग का भी हिस्सा बने, जिससे भारत के इन देशों के साथ संबंधों को और ज्यादा मजबूती मिली.
आपको तो बता दे कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक साझेदारी पर घोषणा के अनुसार नेताओं को सालाना मिलना है. हालांकि साल 2020 में कोविद महामारी के कारण शिखर सम्मेलन आयोजित नहीं किया जा सकता था. वह 3 दिसंबर 2021 में नई दिल्ली आए थे. बाद में दोनों नेताओं ने समरकंद में सितंबर 2022 में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान अलग-अलग मुलाकात की थी.
पुतिन और मोदी अच्छे दोस्त
रूस और भारत की घनिष्ठता आज किसी से छुपी नहीं है. दोनों एक दूसरे के काफी अच्छे दोस्त माने जाते हैं और समय-समय पर दोनों की अच्छी दोस्ती का उदाहरण भी देखने को मिला है. पुतिन समय-समय पर पीएम मोदी (PM Modi) और उनकी लीडरशिप की तारीख भी कर चुके हैं. डिफेंस के अलावा कई ऐसे सेक्टर है जिसमें भारत रूस के साथ काफी अच्छी साझेदारी करता है और जिसका फायदा दोनों देशों को मिलता है.
साथ ही साथ व्यापारिक और डिफरेंट सेक्टर में भी इस दौरे से दोनों देशों की पार्टनरशिप बढे़गी. दोनों देशों के बीच रिश्ते को मजबूत करने के लिए वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है. अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा चुके हैं.