Lalu Prasad Yadav: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर एक बार फिर क़ानूनी संकट गहराता नजर आ रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने IRCTC होटल घोटाला मामले में करीब एक दर्जन गवाहों की सूची अदालत में दाखिल कर दी है। सूत्रों के अनुसार, 27 अक्टूबर से इस बहुचर्चित केस की ट्रायल प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
Lalu Prasad Yadav: किस मामले में फंसे हैं लालू परिवार?
यह मामला उस दौर का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई के आरोपपत्र के मुताबिक, लालू पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रेलवे के बीएनआर होटल (रांची और पुरी) के संचालन का ठेका कोचर बंधुओं की कंपनी सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दिया था। इसके बदले में पटना की एक कीमती जमीन यादव परिवार को बेहद कम दाम पर ट्रांसफर की गई थी। इस डील को लेकर सीबीआई ने भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और षड्यंत्र के आरोप लगाए हैं।
27 अक्टूबर से होगी गवाहों की पेशी
सीबीआई ने अपने गवाहों को औपचारिक नोटिस जारी कर 27 अक्टूबर को अदालत में पेश होने के लिए कहा है। इन गवाहों में कई ऐसे लोग शामिल हैं जो लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की कथित भूमिका पर सीधे तौर पर गवाही देंगे। सीबीआई की योजना है कि पहले चरण में सभी मुख्य गवाहों की गवाही पूरी कर ली जाए, ताकि मुकदमे की दिशा जल्द तय हो सके।
अदालत में तय हुए आरोप
इस महीने की शुरुआत में ही विशेष सीबीआई अदालत ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उपमुख्यमंत्री रह चुके तेजस्वी यादव पर आरोप तय कर दिए हैं। अदालत ने लालू पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, आपराधिक षड्यंत्र (IPC 120B) और धोखाधड़ी जैसी धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भी षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप हैं। हालांकि तीनों ने अदालत में खुद को निर्दोष बताते हुए मुकदमे का सामना करने का ऐलान किया है।
सीबीआई की दलील और अदालत का अवलोकन
13 अक्टूबर को सीबीआई अदालत के जज विशाल गोगने ने 244 पन्नों का आदेश जारी करते हुए कहा कि “प्रथम दृष्टया साक्ष्य यह दर्शाते हैं कि लालू प्रसाद यादव को पूरी प्रक्रिया की जानकारी थी और उन्होंने निविदा प्रक्रिया को प्रभावित करने में भूमिका निभाई।” अदालत ने अपने आदेश में “मिलीभगत और कम मूल्यांकन” की संभावना का भी उल्लेख किया है।
राजनीतिक गलियारों में मची हलचल
जैसे ही ये खबर सामने आई, राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ गई। राजद नेताओं ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है और कहा कि चुनाव के वक्त ऐसे कदम विपक्ष की आवाज़ दबाने के लिए उठाए जा रहे हैं। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि यह कदम “भ्रष्टाचार के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक” है और कानून अपना काम कर रहा है।
आने वाले दिनों में और बढ़ेगी सियासी गर्मी
बिहार में पहले से ही विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गर्म है। ऐसे में लालू परिवार पर चल रहे इस मुकदमे ने राजनीतिक तापमान और बढ़ा दिया है। 27 अक्टूबर से शुरू होने वाले ट्रायल पर पूरे देश की नजर रहेगी। क्योंकि इसका असर न सिर्फ अदालत में बल्कि बिहार की सियासत पर भी साफ तौर पर दिखेगा।
IRCTC घोटाला केस एक बार फिर सुर्खियों में है। जहां सीबीआई इसे “पारदर्शिता की लड़ाई” बता रही है, वहीं लालू परिवार इसे “राजनीतिक षड्यंत्र” करार दे रहा है। अब देखना यह होगा कि अदालत में पेश होने वाले गवाह इस केस को किस दिशा में मोड़ते हैं — क्या लालू परिवार को राहत मिलेगी या मुश्किलें और बढ़ेंगी?