जेल में ही रहेंगे मनी लांड्रिंग के आरोपी Arvind Kejriwal, जमानत पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की मुश्किलें बढ़ चुकी है, जहां दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी जमानत और रिहाई पर रोक लगा दी है. इसे लेकर 24 या 25 जून को फैसला सुनाया जाएगा, तब तक राऊज एवेन्यू कोर्ट के फैसले पर रोक रहेगी. इस पूरे मामले को लेकर अरविंद केजरीवाल के वकील ने हाई कोर्ट में कहा है कि इस केस की जांच 2022 से ही पेंडिंग बताई जा रही है और गिरफ्तारी की वैधता पर भी फैसला बाकी है. पहली बार जमानत के बाद केजरीवाल ने समय पर सरेंडर किया, यह उनकी अच्छे आचरण को दर्शाता है. वह एक राज्य के सीएम है.

जेल से बाहर आ जाएंगे तो कोई धरती नहीं हिल जाएगी. आप जान ले कि इडी के पास केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है. यही वजह है कि वह किसी भी तरह की सबूत को हासिल करने के लिए समय ले रही है. यही बात अदालत को जांच एजेंसी के खिलाफ फैसला लेने के लिए मजबूर करती है कि वह पक्षपात के बिना काम नहीं कर रही है.

अभी जेल में रहेंगे Arvind Kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को इडी ने शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी बनाया है. गुरुवार को ट्रायल कोर्ट में वेकेशन जज नए बिंदु ने दोनों पक्षों की बात सुनते हुए केजरीवाल को जमानत दी थी लेकिन शुक्रवार को सुबह ही इडी ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में दलील दी और कोर्ट ने सबसे पहले केजरीवाल की जमानत पर स्टे लगा दिया और फिर दिन भर जो बहस चली, उस आधार पर शाम को भी स्टे आर्डर पर फैसला सुरक्षित रखा यानी कि अभी भी सीएम केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को तिहाड़ से रिहाई नहीं मिलने वाली है. ट्रायल कोर्ट के आदेश पर फिलहाल एक हफ्ते तक रोक लगा दी गई है.

इन बातों का पता लगाना बाकी

अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को लेकर अभी भी इन बातों का पता लगाना बाकी है कि अपराध की आय का इस्तेमाल गोवा में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में किस प्रकार किया, जबकि लगभग 2 साल बाद भी इस पूरे अमाउंट का बड़ा हिस्सा भी पता नहीं चल पाया है. आपको बता दे की लोअर कोर्ट ने केजरीवाल के जमानत के लिए दो शर्तें लगाई हैं और बताया है कि वह किसी भी तरह से जांच में बाधा डालने या फिर गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे और जब भी जरूरत होगी वह अदालत में पेश होंगे और जांच में सहयोग देंगे.

इस बारे में केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के वकील विक्रम चौधरी का दावा है कि केजरीवाल के खिलाफ पूरा केस सिर्फ कल्पना पर आधारित है. वहीं दूसरी ओर केजरीवाल ने अभी तक अपने मोबाइल का पासवर्ड नहीं दिया है. 2 जून को जब केजरीवाल ने सरेंडर किया था, उससे पहले आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधन करते हुए कहा था कि मैं देश बचाने के लिए जेल जा रहा हूं. मुझे पता नहीं कब वापस आऊंगा. दरअसल उन्हे चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से 21 दिनों की जमानत मिली थी.

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